पीरियड्स जल्दी लाने के आसान और प्राकृतिक उपाय

कई बार किसी खास मौके या असुविधा से बचने के लिए महिलाएं चाहती हैं कि उनके पीरियड्स समय से पहले आ जाएं। हालांकि, हर किसी का शरीर अलग होता है, इसलिए सभी उपाय हर किसी पर समान रूप से असर नहीं करते। लेकिन कुछ प्राकृतिक तरीकों से पीरियड्स को जल्दी लाने में मदद मिल सकती है।

1. हर्बल चाय और घरेलू नुस्खे

  • अदरक और हल्दी: गुनगुने पानी में अदरक या हल्दी मिलाकर पीने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और पीरियड जल्दी आ सकते हैं।

  • गुड़ और तिल: गर्म तासीर वाले ये दोनों तत्व पीरियड्स को समय से पहले लाने में मदद कर सकते हैं।

  • पपीता: इसमें मौजूद एंजाइम गर्भाशय की मांसपेशियों को उत्तेजित करता है, जिससे पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं।

  • गर्म चीजों का सेवन करें

गर्म तासीर वाले फूड्स शरीर के तापमान को बढ़ाकर ब्लड फ्लो को बेहतर बनाते हैं, जिससे पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं।
 

2. गर्म सेक और एक्सरसाइज

  • गर्म पानी से स्नान या हीट पैड: पेट के निचले हिस्से पर गर्म सेक लगाने से ब्लड फ्लो तेज होता है और पीरियड्स जल्दी आने की संभावना बढ़ जाती है।

  • योग और एक्सरसाइज: खासतौर पर पेल्विक क्षेत्र को सक्रिय करने वाले योगासन (जैसे भुजंगासन और सुप्त बद्ध कोणासन) मदद कर सकते हैं।

3. विटामिन C और हेल्दी डाइट

  • विटामिन C: संतरा, नींबू, और स्ट्रॉबेरी जैसे विटामिन C युक्त फलों का सेवन हार्मोन बैलेंस करने में मदद कर सकता है।

  • संतुलित आहार: हरी सब्जियां, बादाम और अलसी के बीज हार्मोन संतुलन को सुधार सकते हैं।

4. तनाव कम करें

  • मेडिटेशन और रिलैक्सेशन: ज्यादा तनाव होने से पीरियड्स देरी से आ सकते हैं। ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाने से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

    कार्डियो एक्सरसाइज

    • दौड़ना (Running)

    • तेज़ चलना (Brisk Walking)

    • साइकलिंग (Cycling)

    • रस्सी कूदना (Jump Rope) ये एक्सरसाइज शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करती हैं और पीरियड्स को रेगुलर करने में मददगार होती हैं।

    योग और स्ट्रेचिंग

    • सुप्त बद्ध कोणासन (Reclining Butterfly Pose) – पेट और प्रजनन अंगों में ब्लड फ्लो बढ़ाता है।

    • बालासन (Child’s Pose) – तनाव कम करता है और हार्मोन संतुलन में मदद करता है।

    • पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose) – डाइजेशन सुधारता है और पेट पर दबाव डालता है, जिससे पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं।

    शक्ति व्यायाम (Strength Training)

    • स्क्वाट्स (Squats)

    • लेग रेज़ (Leg Raises)

    • पेल्विक थ्रस्ट (Pelvic Thrusts)

    • ये एक्सरसाइज़ पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बढ़ाकर पीरियड्स जल्दी लाने में सहायक हो सकती हैं।

    डांस और ज़ुम्बा

    अगर आपको वर्कआउट पसंद नहीं है तो डांस या ज़ुम्बा जैसे एरोबिक वर्कआउट्स करें। ये न केवल मज़ेदार होते हैं बल्कि हार्मोन बैलेंस में भी मदद करते हैं।

    डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन

    अगर तनाव की वजह से पीरियड्स लेट हो रहे हैं, तो गहरी सांस लेने और ध्यान (Meditation) का अभ्यास करें। यह कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) को कम करने में मदद करता है, जिससे हार्मोन संतुलन बना रहता है।

पीरियड लेट होने के कारण

· अगर आपके पीरियड्स समय पर नहीं आ रहे हैं, तो इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं। कुछ कारण सामान्य होते हैं, जबकि कुछ मामलों में यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है।

1. तनाव (Stress)

 ज्यादा टेंशन लेने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हार्मोनल बैलेंस बिगड़ सकता है और पीरियड लेट हो सकते हैं।

2. वजन में अचानक बदलाव (Weight Fluctuation)

   बहुत ज्यादा वजन बढ़ना या कम होना हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
 अत्यधिक डाइटिंग या एक्सरसाइज भी पीरियड में देरी कर सकती है।

3. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)

   अगर शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर गड़बड़ हो जाए, तो पीरियड्स समय पर नहीं आते।
 PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता का एक प्रमुख कारण है।

4. थायरॉइड समस्या (Thyroid Issues)

   हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉइड कम होना) या हाइपरथायरायडिज्म (थायरॉइड अधिक होना) दोनों ही पीरियड्स को प्रभावित कर सकते हैं।
 यह मेटाबॉलिज्म और हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करता है।

5. गर्भावस्था (Pregnancy)

  अगर आप sexually active हैं और आपके पीरियड्स देरी से आ रहे हैं, तो गर्भावस्था (pregnancy) की संभावना हो सकती है।
 गर्भावस्था टेस्ट (Pregnancy Test) करना चाहिए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

6. बर्थ कंट्रोल पिल्स और दवाओं का प्रभाव

  गर्भनिरोधक गोलियां (contraceptive pills) या कुछ हार्मोनल दवाएं पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं।
 पिल्स को अचानक छोड़ना या नए बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करना भी पीरियड को देरी से ला सकता है।

7. खराब लाइफस्टाइल और खानपान

 अनियमित नींद, फास्ट फूड, ज्यादा कैफीन और शराब का सेवन पीरियड साइकल को बिगाड़ सकते हैं।
आयरन, विटामिन B12 और फॉलिक एसिड की कमी भी पीरियड्स को प्रभावित कर सकती है।

8. पेरिमेनोपॉज़ (Perimenopause) और मेनोपॉज़ (Menopause)

  40-50 की उम्र के बाद, मेनोपॉज से पहले शरीर में हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।

पेरिमेनोपॉज़: एक सामान्य लेकिन कम समझी जाने वाली अवस्था

पेरिमेनोपॉज़ वह चरण है जब किसी महिला का शरीर धीरे-धीरे रजोनिवृत्ति (menopause) की ओर बढ़ता है। यह आमतौर पर 40 की उम्र के बाद शुरू होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह जल्दी या देर से भी हो सकता है।

क्या होता है इस दौरान?

पेरिमेनोपॉज़ के दौरान हार्मोन (विशेष रूप से एस्ट्रोजन) में उतार-चढ़ाव होने लगता है, जिससे मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। कुछ महीनों तक पीरियड्स आ सकते हैं, फिर गायब हो सकते हैं और फिर अचानक लौट सकते हैं।

इसके लक्षण क्या हैं?

  • मासिक धर्म का असामान्य होना – समय से पहले या देर से आना, ज्यादा या कम ब्लीडिंग

  • गर्म फ्लश (Hot flashes) – अचानक शरीर में गर्मी महसूस होना

  • मूड स्विंग्स – चिड़चिड़ापन, उदासी या चिंता

  • नींद में गड़बड़ी – ठीक से न सो पाना या रात में बार-बार जागना

  • यौन इच्छा में बदलाव – कामेच्छा में कमी या बदलाव

  • त्वचा और बालों में परिवर्तन – रूखी त्वचा या झड़ते बाल

मेनोपॉज़: महिलाओं के जीवन का एक नया अध्याय

मेनोपॉज़ वह अवस्था है जब किसी महिला के मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं और वह प्रजनन क्षमता खो देती है। यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह जल्दी या देर से भी आ सकता है।

कैसे पहचाने कि मेनोपॉज़ आ रहा है?

यदि किसी महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो उसे मेनोपॉज़ में प्रवेश कर चुका माना जाता है।

मेनोपॉज़ के सामान्य लक्षण

  • गर्म फ्लश (Hot Flashes) – अचानक शरीर में गर्मी महसूस होना

  • रात में पसीना आना – बिना वजह अत्यधिक पसीना

  • नींद की समस्या – ठीक से न सो पाना, बार-बार जागना

  • मूड स्विंग्स – चिड़चिड़ापन, उदासी, चिंता

  • हड्डियों की कमजोरी – ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है

  • यौन जीवन में बदलाव – योनि में सूखापन और कामेच्छा में कमी

9. प्रजनन अंगों की समस्याएं (Reproductive Health Issues)

  यूटेरस में फाइब्रॉइड (Fibroids), एंडोमेट्रियोसिस, ओवरी में सिस्ट (Cysts) जैसी समस्याएं भी पीरियड को प्रभावित कर सकती हैं।

10. अधिक ट्रैवलिंग या शारीरिक गतिविधियां

  ज्यादा यात्रा, लंबी फ्लाइट्स, टाइम जोन में बदलाव, शिफ्ट वर्क करने से बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब होती है, जिससे पीरियड्स प्रभावित हो सकते हैं।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

  अगर आपके पीरियड्स लगातार 2-3 महीने से ज्यादा लेट हो रहे हैं या अनियमितता बनी हुई है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर पीरियड्स के साथ तेज दर्द, भारी ब्लीडिंग, चक्कर या कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

डॉक्टर से मिलने की स्थिति में ये संकेत ध्यान दें:

 1. लगातार 2-3 महीनों से पीरियड्स मिस हो रहे हैं

   अगर बिना किसी कारण 2-3 महीने तक पीरियड्स नहीं आए, तो यह किसी हार्मोनल समस्या या स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकता है।

2. बहुत ज्यादा दर्द और असहजता हो रही हो

  अगर पीरियड के दौरान असहनीय दर्द, पेट में तेज ऐंठन, या ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही है, तो यह एंडोमेट्रियोसिस या PCOS जैसी समस्या का संकेत हो सकता है।

3. ब्लीडिंग बहुत ज्यादा या बहुत कम हो रही हो

 अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही है और लंबे समय तक बंद नहीं हो रही, तो यह फाइब्रॉइड या हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।
 अगर ब्लीडिंग बहुत कम हो रही है या केवल स्पॉटिंग हो रही है, तो भी डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

4. अचानक वजन बढ़ना या घटना

  अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन अचानक बढ़ या घट रहा हो, तो यह थायरॉइड समस्या या PCOS का लक्षण हो सकता है।

5. गर्भावस्था की संभावना हो

 अगर आप sexually active हैं और पीरियड समय पर नहीं आए, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट करें।
अगर टेस्ट नेगेटिव आए और फिर भी पीरियड्स नहीं आ रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें।

6. बर्थ कंट्रोल पिल्स या हार्मोनल दवाओं का असर

 अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही हैं और पीरियड्स अनियमित हो गए हैं, तो डॉक्टर से पूछें कि ये दवा आपके लिए सही है या नहीं।         

7. तनाव, थकान और अनिद्रा हो

अत्यधिक तनाव, नींद की कमी, अत्यधिक वर्कआउट या खानपान में गड़बड़ी से भी पीरियड्स प्रभावित हो सकते हैं।
अगर लाइफस्टाइल सुधारने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा, तो डॉक्टर की सलाह लें।

कब तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए?

 अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें:
 तेज चक्कर, कमजोरी, बेहोशी
 तेज पेट दर्द या ऐंठन
ब्लीडिंग 7 दिनों से ज्यादा हो रही हो
 2-3 महीनों से पीरियड्स नहीं आए और लगातार ऐसा हो रहा हो

सही समय पर जांच क्यों जरूरी है?

 पीरियड्स अनियमित होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे PCOS, थायरॉइड समस्या, एनीमिया, फाइब्रॉइड, एंडोमेट्रियोसिस या गर्भाशय से जुड़ी कोई समस्या। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर जांच करवाने से समस्या का जल्दी समाधान हो सकता है।

Dr. Sunita Singh Rathore

Dr. Sunita Singh Rathore

Dr. Sunita Singh Rathore is a highly experienced fertility specialist with over 15 years of expertise in assisted reproductive techniques. She has helped numerous couples achieve their dream of parenthood with a compassionate and patient-centric approach.