पीरियड्स के 6 दिन बाद संबंध बनाना सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है। इस समय प्रेगनेंसी की संभावना कम होती है क्योंकि ओवुलेशन शुरू नहीं होता। हालांकि, यह हर महिला की साइकिल पर निर्भर करता है। यदि संबंध बनाने की योजना है, तो स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। गर्भधारण से बचने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाएं। ओवुलेशन के करीब संबंध बनाने से प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए साइकिल को समझना जरूरी है।

पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंसी की संभावना

पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंसी की संभावना को समझने के लिए महिला शरीर के प्रजनन चक्र को जानना आवश्यक है। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से इसे समझाया गया है:

  1. ओवुलेशन चक्र (अंडोत्सर्जन चक्र)

    • ओवुलेशन वह प्रक्रिया है जिसमें अंडाशय से अंडा निकलता है।

    • यह चक्र आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के 14वें दिन होता है।

  2. ओवुलेशन साइकिल (अंडोत्सर्जन साइकिल)

    • महिलाओं का मासिक चक्र 28-35 दिनों का हो सकता है।

    • ओवुलेशन चक्र इस साइकिल का मुख्य हिस्सा है और प्रेग्नेंसी के लिए महत्वपूर्ण होता है।

  3. ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन)

    • ओव्यूलेशन के दौरान निकला अंडा 12-24 घंटे तक जीवित रहता है।

    • अगर इस समय शुक्राणु से संपर्क होता है, तो गर्भावस्था हो सकती है।

  4. पीरियड्स साइकिल (मासिक धर्म चक्र)

    • मासिक धर्म चक्र के दौरान गर्भधारण की संभावना कम होती है, लेकिन इसे पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।

    • शुरुआती या अंतिम दिनों में गर्भधारण की संभावना अधिक हो सकती है।

  5. प्रेगनेंसी संभावना (गर्भावस्था की संभावना)

    • पीरियड्स के दौरान भी शुक्राणु 3-5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।

    • यदि पीरियड्स के तुरंत बाद ओवुलेशन हो, तो गर्भावस्था संभव हो सकती है।

  6. यूट्रस (गर्भाशय)

    • यूट्रस में ओव्यूलेटेड अंडा और शुक्राणु के मिलने से गर्भावस्था होती है।

    • पीरियड्स के दौरान यूट्रस से खून बहता है, जिससे प्रेग्नेंसी की संभावना कम होती है।

  7. शुक्राणु (स्पर्म)

  • शुक्राणु महिला शरीर में 3-5 दिन तक सक्रिय रहते हैं।

  • पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने पर शुक्राणु ओवुलेशन के समय अंडे से मिल सकते हैं।
     

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने के नुकसान

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना कई जोड़ों के लिए एक निजी फैसला हो सकता है। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि इसके कुछ संभावित नुकसान भी हो सकते हैं, महिलाओं में फर्टिलिटी स्वास्थ बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको जानना चाहिए जो आपके स्वास्थ के लिए अधिक लाभकारी है। यहां हम इन बिंदुओं पर चर्चा करेंगे:


सावधानियां

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना पूरी तरह से निजी पसंद है, लेकिन इसके संभावित नुकसान और सावधानियों को समझना बेहद जरूरी है। अपने शरीर और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहकर ही कोई निर्णय लें।

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने के फायदे

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना कई महिलाओं और जोड़ों के लिए एक संवेदनशील विषय हो सकता है, लेकिन इस समय में संबंध बनाने के कई फायदे हैं। आइए जानते हैं इन लाभों के बारे में:

पीरियड्स के बाद और दौरान संबंध की सुरक्षा

यह विषय महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां पीरियड्स के दौरान और बाद में संबंध बनाते समय ध्यान देने योग्य बिंदु दिए गए हैं:

  1. असहजता: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को असहजता महसूस हो सकती है। हार्मोनल बदलाव और शारीरिक दर्द की वजह से यह समय संवेदनशील हो सकता है।

  2. कोमलता: इस समय जननांग क्षेत्र में अधिक कोमलता होती है, जिससे किसी भी प्रकार का घर्षण दर्दनाक हो सकता है।

  3. गंदगी: रक्तस्राव के कारण संबंध बनाते समय गंदगी की संभावना बढ़ जाती है। यह स्थिति कपड़ों और बिस्तर पर भी असर डाल सकती है।

  4. पेट में ऐंठन: पीरियड्स के दौरान पहले से ही पेट में ऐंठन हो सकती है। संबंध बनाने से यह ऐंठन और बढ़ सकती है।

  5. सूजन: इस समय शरीर के निचले हिस्से में सूजन महसूस हो सकती है, जो संबंध के दौरान असुविधा पैदा कर सकती है।

  6. स्वच्छता: पीरियड्स के समय स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस दौरान संबंध बनाने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, खासकर अगर साफ-सफाई का पूरा ध्यान न रखा जाए।

  • यदि कोई व्यक्ति पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना चाहता है, तो स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

  • सही प्रोटेक्शन और साफ-सफाई संक्रमण से बचाव में मदद कर सकते हैं।

  • आपसी सहमति और आराम को प्राथमिकता दें।

  1. पीरियड्स के दर्द से राहत: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ऐंठन और दर्द का सामना करना पड़ता है। इस समय संबंध बनाने से शरीर में ऑक्सीटोसिन और एंडॉर्फिन जैसे हार्मोन का स्राव होता है, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

  2. पीरियड्स के दौरान संबंध का लाभ: इस समय संबंध बनाना कुछ महिलाओं के लिए अधिक आनंददायक हो सकता है। पीरियड्स के दौरान यौन उत्तेजना बढ़ जाती है, जिससे यौन सुख का अनुभव गहरा होता है।

  3. महिलाओं को ऐंठन से राहत: संबंध बनाने से गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे पीरियड्स की ऐंठन में राहत मिल सकती है। यह प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने का एक तरीका हो सकता है।

  4. यौन उत्तेजना में वृद्धि: पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं की यौन उत्तेजना बढ़ जाती है। इस समय संबंध बनाना अधिक संतोषजनक और आनंददायक हो सकता है।

  5. यौन सुख का आनंद: इस समय संबंध बनाने से शारीरिक और मानसिक संतुष्टि मिलती है। यह महिलाओं को तनाव और चिंता से भी राहत दे सकता है।

  6. संक्रमण से बचाव के उपाय: हालांकि पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन उचित स्वच्छता और सुरक्षात्मक उपाय अपनाने से इससे बचा जा सकता है।

  7. सही प्रोटेक्शन का उपयोग संक्रमण और अन्य समस्याओं को रोकने में मदद करता है।

  8. आराम: पीरियड्स के समय महिलाओं को आरामदायक महसूस करना जरूरी है। यदि वह सहज नहीं हैं, तो सेक्स से बचना चाहिए।

  9. पीरियड्स के दौरान सेक्स: इस समय संबंध बनाना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसीलिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।

  10. पीरियड्स के बाद सेक्स: इस समय सेक्स करना सामान्य रूप से सुरक्षित होता है, लेकिन शरीर को पूरी तरह स्वस्थ होने का समय दें।

  11. यौन सुख: पीरियड्स के समय हार्मोनल बदलाव यौन सुख को प्रभावित कर सकते हैं। पार्टनर की सहमति और समझ आवश्यक है।

  12. यौन स्वच्छता: संबंध बनाते समय स्वच्छता का पालन करें। साफ हाथ और सुरक्षित साधनों का उपयोग करें।

  13. सुरक्षित यौन संबंध: हमेशा कंडोम का उपयोग करें। यह न केवल गर्भधारण बल्कि संक्रमण से भी बचाता है।

  14. स्वच्छता: पीरियड्स के समय गंदगी का खतरा अधिक होता है। नियमित साफ-सफाई जरूरी है।

  15. स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं: पीरियड्स के दौरान यदि किसी प्रकार की परेशानी हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

पीरियड्स के बाद संबंध बनाने का समय

पीरियड्स के बाद संबंध बनाने का समय महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। नीचे दिए गए बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है:

  • आराम: पीरियड्स के तुरंत बाद शरीर को आराम की जरूरत होती है।

  • ओवुलेशन: ओवुलेशन साइकिल समझें; यह प्रेगनेंसी के लिए महत्वपूर्ण समय होता है।

  • कामेच्छा: पीरियड्स के बाद कामेच्छा में बदलाव महसूस हो सकता है।

  • प्रेगनेंसी: यदि प्रेगनेंसी से बचना चाहते हैं, तो सुरक्षित दिनों का ध्यान रखें।

  • मासिक धर्म: पीरियड्स खत्म होने के बाद संबंध बनाना स्वाभाविक है।

  • रक्त हानि: अत्यधिक रक्त हानि होने पर संबंध बनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

  • सुरक्षित दिन: प्रेगनेंसी से बचने के लिए सुरक्षित दिनों का चयन करें।

  • स्वच्छता: संबंध बनाने से पहले और बाद में स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है।

यह जानकारी स्वास्थ्य और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर भिन्न हो सकती है।

Dr. Sunita Singh Rathore

Dr. Sunita Singh Rathore

Dr. Sunita Singh Rathore is a highly experienced fertility specialist with over 15 years of expertise in assisted reproductive techniques. She has helped numerous couples achieve their dream of parenthood with a compassionate and patient-centric approach.